Friday, November 5, 2010

..रुद्रार्चनम.........!!



महामहेंद्र-स्थावरं..-जटासलीलवेष्टीतम् ;त्रिलोचनं .विशेश्वरम,
मदांधनाद भयरवं.;
विराटभाल चर्चीतम..समुद्रकांतशेखरम;
महेश्वरम;सुरेश्वरं,भजाम्यहम भयन्करम!!


हिरणय बाहू धारणम ;हलाहलांतकारणम ;
प्रतीक्षणम ; प्रतीक्षणम;भजाम्यहम शिवारणवम् !!


सदैव पार्वतीपतीम;गजाननस्य निर्मिकम;!
अमोघधर्मरक्षकम;अखंड-ध्यान-धारकम;!
विशेष द्रोह प्रज्ज्वलम ;विशेष वर्ण प्रज्ज्वलम ;!
प्रकांडपौरुषस्वलम; अघोर रुद्र उज्ज्वलं ...
दग्ध धर्म नाशकं ;असुर वंश तापकम;
निशाचरेन्द्र नायकं ;मखांगमेधसायकं !!
विषानतकम ;पुरान्तकं;
भयान्तकम ;भवान्तकं..
प्रदोष द्रोह शान्तकम...नमाम्यहम नमाम्यहम !!
....................हर्षल .........

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