Monday, September 24, 2012

रुद्रचेतस ...

संगरोमे जन्म लेता तप्त  अग्निश्वास हूँ !
रुद्रयागो मे उभरता उग्रतम निर्यास हूँ !!

कृद्ध से तूफ़ान तनु का शांत अन्तर्भाग हूँ।
दहकते ज्वालामुखी का दीर्घ जलता राग हूँ !

सर्व भंजक शिवप्रभु के सत्पदोंका दास हूँ।
नित्य विष्णु लीन रहता ; वैष्णवों का ध्यास हूँ।।

दुखितोंके ह्रदय तल में नित्य जागृत शोक जो;
सज्जनोंके मर्मस्थल में नित निवासित हर्ष जो ;

मैं उन्ही के सत्य् संगम दृश्य का अवतार हूँ।।
जानता हूँ ,एक मैं भी, ईश्वरी हूंकार हूँ।।

-----------------------लेखन - रचना - हर्षल------------

Thursday, September 20, 2012

हमसे काबील नही


वो ,जो चांद से इश्क़ करते हैं झूठ के ;
और अपने वजूद को जगमगाते हैं !!
उधार-ए- " नूर-जमाई" से..!
हमसे काबील नही नजरे मिलानेको वो ;
हम तो रोशन हैं सच्चाईयोंके सूरज से  !   

Saturday, September 8, 2012

!! .. महापुरुष ..!!

धावती लोभावूनी जे, व्यर्थ त्यांची साधना 
उन्मनांना सापडे का ईश्वराची भावना ?    

मोह, ज्यांचे अंतराला दंश करता संपले 
तम विकारी पाश, ज्यांना बांधताना भंगले
विश्वमाया थोरली ती, त्यागली ज्यांनी सुखे 
सत्य दैवी उमलते प्रज्ञानमय ,ज्यांचे मुखे !!

तेच "युग -निर्माण कर्ते" सत्यदर्शक ज्ञानमूर्ती  
  ईश्वराची जाणती जे, शांत निश्चल आत्मस्फूर्ती !!

पूर्ण  ज्यांनी  शुद्ध मानस ईश्वराला वाहिले  
संकटांचे भार भीषण स्मित राखून साहिले 
ते सुभागी,  पंथ त्यांचे देव रक्षित राहिले 
वंदिती विश्वात साऱ्या  स्तुत्य  त्यांची पाउले  !!


-------------------------------------------------------रचना :- हर्षल ---------------------------------------------------------------